कृतज्ञता के बारे में लिखी यह किताब बच्चों को हर चीज़ में अच्छाई देखना सिखाती है। डैनी अपने पिताजी को अपने दिन के बारे में बताता है और दिनभर में उसके साथ जो कुछ भी हुआ उसका वर्णन करता है। हालाँकि डैनी का दिन उसकी योजना के अनुसार तो नहीं गुज़रता है, फिर भी वह इसका आनंद लेने में सफल रहता है। उसकी कहानी से हमें यह पता चलता है कि हर बुरी स्थिति में कोई ना कोई अच्छाई और आभारी होने के लिए कुछ ना कुछ तो हम ढूंढ निकाल ही सकते है।
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